सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय

सर्दियों का मौसम सामन्यत: नवम्बर से शुरू हो जाता है और फरवरी के अंत तक चलता है। वैसे तो सर्दी, जुकाम और खांसी किसी भी मौसम में हो सकते हैं लेकिन सर्दियों के मौसम में सर्दी खांसी से बचने की ख़ास जरूरत होती है। सर्दी जुकाम एक वायरल इन्फेक्शन होता है जिसमें दवा से ज्यादा परहेज एवं सर्दी जुकाम और खांसी के घरेलू उपाय करना ही श्रेष्ट होता है।

कोई भी एंटी-वायरल दवा को छोड़ कर सर्दी खांसी में दी जाने वाली दवाएं सर्दी जुकाम के लक्षणों से राहत दिलाती है लेकिन उनके साइड इफ़ेक्ट जैसे नींद आना, कब्ज़ होना आदि बहुत ज्यादा होते हैं। अगर सर्दी जुकाम से बचाव के उपाय किये जाएँ और सर्दी खांसी के घरेलू उपाय किये जाएँ तो 2 हफ्ते में सर्दी जुकाम ठीक हो जाता है।

सर्दी जुकाम क्यों होता है?

सामान्य सर्दी, जिसमें छाती में ठंड, सिर में सर्दी और मौसमी फ्लू वायरस के कारण होते हैं। सामान्य सर्दी नाक और गले (ऊपरी श्वास नलिका) का एक वायरल संक्रमण है। यह आमतौर पर हानिरहित होता है। कई प्रकार के वायरस एक आम सर्दी का कारण बन सकते हैं।

6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जुकाम होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है, लेकिन स्वस्थ वयस्कों को भी सालाना दो या तीन बार जुकाम होने की सम्भावना हो सकती है।

ज्यादातर लोग एक हफ्ते या 10 दिनों में एक आम सर्दी से उबर जाते हैं। धूम्रपान करने वाले लोगों में लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं। यदि लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो अपने चिकित्सक की सलाह से दवाई लेनी चाहिए।

सर्दी जुकाम के लक्षण

सर्दी के लक्षण आमतौर पर गले में खराश के साथ शुरू होते हैं, जो आमतौर पर एक या दो दिन बाद दूर हो जाते हैं। नाक का बहना, बंद होना फिर चौथे और पांचवें दिन तक खांसी होने लगती है। आमतौर पर वयस्कों में बुखार के लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन हल्का बुखार संभव है। बच्चों को सर्दी के साथ बुखार होने की संभावना अधिक होती है।

पहले कुछ दिनों के लिए नाक से पानी आता है ,बाद में, ये गाढ़ा कफ का रूप ले लेता है। गहरे रंग का बलगम प्राकृतिक है और आमतौर पर इसका मतलब यह नहीं है कि जीवाणु संक्रमण (bacterial infection)हुआ है।

कई सौ अलग-अलग प्रकार के वायरस सर्दी जुकाम के लक्षणों का कारण बन सकते हैं।

सर्दी जुकाम से कैसे बचें ?

  • ठंडी चीज़े खाने और पीने से बचें।
  • शरीर पर ठंडी हवा लगने से बचाएं , घर से बाहर निकलने से पहले ठण्ड से बचाव के उपाय कर के ही निकलें।
  • सर्दी के मौसम में प्रतिदिन धूप का सेवन करे, इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
  • अदरक, काली मिर्च का गुनगुना काढ़ा रोज पियें।
  • परिवार में किसी को सर्दी जुकाम के लक्षण हों तो उससे थोड़ी दूरी बना कर रखें और उसके तौलिये और कपड़ों के संपर्क में न आएं।
  • प्रदुषण से बचाव करें।
  • आवलें का नियमित सेवन करें।
  • गुनगुने पानी में निम्बू की शिकंजी बना कर पियें।
  • मीठा खाने का मन हो तो शक़्कर की जगह गुड़ का प्रयोग करें।

सर्दी खांसी के घरेलू उपाय

सुबह उठते ही 1-2 गिलास गुनगुने पानी का सेवन करें। साथ में 5-6 कालीमिर्च चबा कर खा लें।

दिन में 2-3 बार अदरक का गुनगुना काढ़ा चाय की तरह पियें।

अगर गले में खराश है और छाती में बलगम जमा हो तो सुबह उठ कर (खाली पेट)गुनगुने पानी में नमक डाल कर गरारे करें।

लहसुन की 2-3 कली चबा कर गुनगुना पानी पियें।

रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच हल्दी पाउडर का सेवन करें इससे छाती में जमा बलगम निकल जाता है और खांसी में आराम आता है।

अनार के रस में पीपली, कालीमिर्च और अदरक मिला कर पियें।

अदरक, कैमोमाइल  और नींबू की हर्बल चाय सर्दी-खांसी और गले की खराश के अलावा छाती में जमें बलगम से छुटकारा पाने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इसे मीठा करने के लिए गुड़ डाल सकते हैं।

अगर नाक बंद हो तो पानी में नीलगिरि का तेल डाल कर भाप लेने से बंद नाक खुल जाती है। भाप लेने के लिए steamer बाज़र में उपलब्ध हैं जिन्हे आप Amazon पर घर बैठे भी आर्डर कर सकते हैं

अगर खांसी नहीं रुक रही हो तो अदरक के टुकड़े तो साफ़ कर उस पर नमक लगा कर मुहं में रखें, यह खांसी का अच्छा घरेलू उपाय है।

सर्दी खांसी का रामबाण इलाज तो कुछ नहीं होता लेकिन अगर शुरूआती लक्षणों से ही सर्दी खांसी का घरेलू उपचार शुरू कर दिया जाए तो न केवल इसको बढ़ने से रोक सकते हैं अपितु सर्दी जुकाम के लक्षणों में भी राहत मिलती है।

सर्दी जुकाम और खांसी का आयुर्वेदिक उपचार

तालीसादि चूर्ण + सितोपलादि चूर्ण + वासा सीरप मिला कर गाढ़ा पेस्ट बनायें जिसे चटनी की तरह चाट लें। ऊपर से पानी न पियें। दिन में 3 बार इस नुस्खे का प्रयोग करने पर सर्दी खांसी में बाहर आराम मिलता है।

गले में खराश और खांसी होने पर खदिरादि वटी मुहं में रखें, खांसी में आराम मिलता है।

गोजिव्हादि काढ़ा 1 चम्मच को 1 गिलास पानी कर मंद आंच पर पकाएं और 1/4 पानी रहने पर गुनगुना पियें। दिन में 2-3 बार इसका प्रयोग करने से सर्दी खांसी में आराम आता है।

बाज़ार में बहुत सी कंपनियों की असरकारक पेटेंट आयुर्वेदिक दवाएं भी उपलब्ध है जिन्हें ले कर आप सर्दी खांसी के लक्षणों से निजात पा सकते हैं। कुछ अच्छी आयुर्वेदिक पेटेंट दवाएं Amazon पर भी उपलब्ध हैं जहाँ से आप घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर सकते हैं।

AlchemLife PhytoRelief CC®Natural Immunity Booster. यह आयुर्वेदिक कफ लोज़ेंजेस (cough lozenges) न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाती है अपितु सर्दी खांसी के लक्षणों में राहत भी देती है।

Vaddmaan Zecof – 100ML (Pack of 4) Pure Herbal & Natural Ayurvedic Cough & Cold Syrup With Tulsi, Saunth, Yashthimadhu, Karkasingi, Somlata, Kaantakari Neelgiri & Peppermint विभिन्न गुणकारी जड़ी बूटियों से बना यह कफ सिरप दिन में 3 बार गुनगुने पानी से साथ लेने से सर्दी खांसी में आराम मिलता है।

Wellbeing Nutrition Grandma’s Kadha, Organic Certified Ayurvedic Kadha for Immunity, Herbal Remedy for Cold, Cough, Flu, Sore Throat, Congestion | Ayurvedic Immunity Booster (15 Effervescent Tablets) हल्दी, मुलहठी, तुलसी जैसी 13 असरकारक जड़ी बूटियों से बनी यह आयुर्वेदिक सर्दी जुकाम और खांसी की टेबलेट (Effervescent tablets)पानी में घोल कर लेने से शीघ्र ही सर्दी खांसी के लक्षणों से राहत दिलाती है।

250 मिली गुनगुने पानी में 1 टेबलेट डाल कर पियें। दिन में 3 बार लेने से शीघ्र आराम आता है।

BAROIMMUNO Ayurvedic Kaadha for cold cough immunity – 4gms sachet (Pack of 30) सोंठ, तुलसी, कालीमिर्च, कंटकारी, वासा ाडी जड़ीबूटियों से बना यह काढ़ा सुविधाजनक single dose पेकिंग में उपलब्ध है। दिए हुए निर्देशों अनुसार दिन में 3 बार प्रयोग करें।

सर्दी जुकाम बुखार की अंग्रेजी दवा

सर्दी जुकाम की कोई भी अंग्रेजी दवा लक्षणों से तुरंत राहत दिलाती है लेकिन इनके साइड इफ़ेक्ट भी ज्यादा होते हैं। सर्दी जुकाम की अंग्रेजी दवा से सुस्ती व नींद आना एक बहुत ही आम साइड इफ़ेक्ट है। इसके अतिरिक्त कब्ज़, जी घबराना, मुहं सुखना आदि साइड इफ़ेक्ट भी होते हैं।

बुखार आने पर पेरासिटामोल एक असरकारक दवा है लेकिन बिना चिकित्स्क की सलाह के बार-बार नहीं लेनी चाहिए।

यहाँ हम किसी भी सर्दी जुकाम बुखार की अंग्रेजी दवा का उल्लेख नहीं करेंगे क्योंकि इन दवाओं को बिना चिकित्स्क की पर्ची के नहीं खरीदना चाहिए।

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