हर घर में दवाइयाँ होना और जरूरत पड़ने पर अपनी मर्जी से खा लेना, यह एक बहुत ही आम बात हो गयी है। कोई भी दवा लेने से पहले दवाईयों के बारे में कुछ जरुरी तथ्य जान लेना जरुरी है।
विशेषकर ऐलोपैथिक दवाईयों को लेते समय विशेष सावधानी की जरूरत पड़ती है क्योंकि जितना तुरंत यह असर दिखती है इनका दुष्प्रभाव भी उतना ही जल्दी और घातक हो सकता है।
दवाईयों के बारे में 10 जरुरी तथ्य जानने से पहले यहाँ संक्षेप में यह जानना जरुरी है कि दवाईयाँ क्या है और कैसे काम करती है?
दवाएं विभिन्न प्रकार के रसायन या यौगिक होती हैं जिनका उपयोग बीमारी को ठीक करने, या रोकथाम के लिए किया जाता है। दवाईयाँ लक्षणों को कम करने या बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद करती है।
विभिन्न प्रकार की दवाएँ अलग-अलग तरह से काम करती हैं। कुछ बैक्टीरिया और वायरस जैसे हमलावर कीटाणुओं के प्रसार को मारकर या रोककर किसी बीमारी को ठीक कर सकती हैं।
कुछ दवाएँ कोशिकाओं को मारकर कैंसर का इलाज करने के लिए उपयोग होती है।
कुछ दवाएं शरीर में किसी पदार्थ के कम होने पर उसको पूरा करती है या शरीर के रसायनों के निम्न स्तर को प्राकृतिक स्तर पर ला कर बिमारियों को ठीक करती हैं जैसे कुछ हार्मोन या विटामिन आदि।
दवाएं तंत्रिका तंत्र के कुछ हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती हैं जो शरीर की प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं।
दवाइयों के बारे में 10 जरुरी जानकारियां
क्या एक ही दवाई घर में सभी के लिए सामान रूप से उपयोगी हो सकती है?
यह अक्सर धारणा होती है कि डॉक्टर ने परिवार के किसी सदस्य को कोई दवाई दी है और मरीज के ठीक होने के बाद अगर वह दवाई बच गयी है तो अगली बार घर पर किसी और को या उसी सदस्य को बीमारी के वही लक्षण दीखते हैं तो हम अपने डॉक्टर स्वयं बन कर वही दवाई देने लगते हैं।
डॉक्टर कोई भी दवाई देते समय बहुत से लक्षणों और पहलुओं को ध्यान में रख कर दवाई और उनकी मात्रा निर्धारित करता है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है।
क्या किसी टेबलेट को अपने मन से तोड़ कर खा सकते हैं?
अगर 50 मिग्रा की टेबलेट लेनी हो लेकिन 100 मिग्रा की आधी ले ली जाए तो गणित के हिसाब से तो कोई हर्ज नहीं है। लेकिन हमेशा यह सही नहीं होता है बल्कि शरीर पर गलत प्रभाव भी डाल सकता है।
उदहारण के लिए बहुत सारी टेबलेट सस्टेन रिलीज़ होती है, मतलब पेट में जा कर एकदम से नहीं घुलती समय के साथ धीरे-धीरे घुलती है और अपना असर दिखती है। इस तरह की टेबलेट्स पर एक विशेष तरह का आवरण चढ़ाया जाता है। अगर ऐसी टेबलेट को आधी कर के खाया जाये तो वह आवरण टूट जाता है और टेबलेट की दवा तुरंत ही शरीर में अवशोषित होने लगती है जो नुकसानदायक भी हो सकता है।
कई टेबलेट्स ऐसी भी होती है जो थोड़ी आमाशय में घुलती है फिर थोड़ी आगे जा कर आँतों में घुलती है। इन पर भी विशेष तरह का आवरण चढ़ाया जाता है इसलिए इन्हे भी तोड़ कर नहीं लिया जाता।
जिन टेबलेट्स को तोड़ कर खाया जा सकता है उन पर बीच में विभाजन का निशान होता है जहाँ से उसे तोड़ कर खा सकते हैं, यदि ऐसा कोई निशान न हो तो मतलब उसे नहीं तोडना चाहिए।
क्या दवाईयाँ हमेशा खाने के बाद ही लेनी चाहिए?
यह एक बहुत ही आम धारणा बन चुकी है कि दवाई हमेशा खाने के बाद ही लेनी चाहिए, लेकिन यह बात सभी दवाओं पर लागू नहीं होती। बहुत सी दवाइयाँ जैसे दर्द निवारक सामान्यत: खाने के बाद लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि खाली पेट खाने से यह एसिडिटी पैदा कर सकती है।
डायबिटीज़ की ज्यादातर दवाएं खाने के आधे घंटे पहले लेने की सलाह दी जाती है ताकि खाने के बाद शुगर लेवल एकदम न बढे।
एंटीबायोटिक दवाओं को खाने के पहले या बाद में कभी भी लिया जा सकता है।
क्या ठीक होने पर दवाईयाँ लेना तुरंत बंद कर देना चाहिए?
अक्सर दवाई की कुछ डोज़ लेने के बाद हम अच्छा महसूस करते हैं और दवाई लेना बंद कर देते हैं। ज्यादातर परिस्थितियों में यह सही नहीं होता। है डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय तक दवाओं का सेवन करना चाहिए। अगर किसी दवा से कोई साइड इफ़ेक्ट हो रहा है तो डॉक्टर से संपर्क कर पूरी स्थिति बतानी चाहिए।
एंटीबायोटिक सामन्यत: 3 या 5 दिन के लिए लेने की सलाह जाती है और पूरा कोर्स नहीं लेने पर एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया के प्रति निष्प्रभावी होने लगती है।
दर्द निवारक दवाइयाँ दर्द बंद होने पर बंद की जा सकती है और दर्द महसूस होने पर पुन: ली जा सकती है। लेकिन अगर पूरा कोर्स लिया जाए दर्द और सूजन से पूरी तरह राहत मिलती है।
लम्बी बिमारियों जैसे रक्त चाप, मधुमेह इत्यादि की दवा भी बिना डॉक्टर की सलाह से बंद नहीं करनी चाहिए।
क्या दवाईयाँ किसी भी पेय पदार्थ के साथ ले सकते हैं?
अगर पानी के साथ दवा लेते हैं तो पर्याप्त पानी पीना चाहिए।
सामान्यत: दवाईयाँ पानी के साथ ही ली जाती है लेकिन कुछ लोग चाय, दूध या फलों के ज्यूस के साथ भी लेना पसंद करते हैं। अगर आप दवाई पानी के अतिरिक्त किसी अन्य पेय के साथ लेना चाहते हैं तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। कुछ दवाईयां चाय, दूध या फलों के ज्यूस के साथ प्रतिक्रिया(reaction) कर सकती है।
क्या सभी दवाईयाँ फ्रिज में रखनी चाहिए ?
ऐसा मानना की दवाइयों को फ्रिज में रखने से वह ख़राब नहीं होती हर दवाई पर लागू नहीं होता है।
कुछ विशेष प्रकार की दवाईयाँ जैसे इन्सुलिन, कुछ आँखों के ड्राप या कुछ टेबलेट्स और कैप्सूल ही फ्रिज में रखे जाते हैं। जो भी दवाईयाँ फ्रिज में राखी जानी चाहिए उन पर स्पष्ट रूप से लिखा होता है store between 4-6 degree temperature. कोई भी दवा फ्रीजर में नहीं रखनी चाहिए।
पीने की दवाईयों को भी सामन्यात: फ्रिज में नहीं रखा जाता है। जिन दवाओं पर इस सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं लिखी होती उन्हें कमरे के तापमान पर ही रखा जाना चाहिए। सभी दवाईयों को धूप और गर्मी से बचा कर रखा जाना चाहिए।
क्या गर्भावस्था और बच्चे को दूध पिलाने के समय(Breast feeding) कोई भी दवाई नहीं लेनी चाहिए ?
हाँ यह बात सही है कि गर्भावस्था और बच्चे को दूध पिलाने के समय(Breast feeding) दवाइयों से बचना चाहिए। सामान्यत: गर्भावस्था के समय फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम के अतिरिक्त कोई भी दवाई लेने की सलाह नहीं दी जाती है। लेकिन विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर किसी बीमारी को देखते हुए दवाई लेने की अनुमति देते हैं। ऐसे समय बिना डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई नहीं खानी चाहिए।
Breast feeding के समय भी कुछ गिनी-चुनी दवाई ही डॉक्टर की सलाह से लेनी चाहिए।
क्या दवाई लेना भूल जाने पर अगली बार दुगनी दवाई लेनी चाहिए?
ऐसी गलती भूल कर भी नहीं करनी चाहिए। अगर कभी दवाई लेना भूल जाएँ तो कोई चिंता की बात नहीं अगली बार उतनी ही दवाई लेनी चाहिए जितनी एक बार की मात्रा बताई गयी है। दुगुनी मात्रा लेने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
क्या कोई भी दवाई ले कर वाहन नहीं चलना चाहिए?
यह बात कुछ दवाईयों के बारे में ही लागू होती है अधिकतर के बारे में नहीं। ऐसी दवाइयां जो शरीर में सुस्ती पैदा करती है जैसे सर्दी-खांसी की दवाईयाँ , नींद की दवाई आदि। इस बारे में दवा लेने से पहले डॉक्टर या फार्मासिस्ट से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
क्या कोई भी दवाई ले कर अल्कोहल लेने से नुकसान हो सकता है?
जी हाँ, अगर आप नियमित रूप से अल्कोहल का सेवन करते हैं तो डॉक्टर से यह बात अवश्य बताएं। इस बारे में दवाई लिखते समय डॉक्टर आपको उचित सलाह देंगे।
अन्य स्वस्थ्य सम्बंधित पोस्ट के लिए पढ़ें – हम अपने रोज के सामान्य खाने को कैसे पौष्टिक बना सकते हैं?
चेतावनी – कभी भी कोई भी दवाई बिना किसी डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह के बिना न लें।