क्या हैं प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत? What are the vegetarian sources of protein in Hindi?

यह हम अक्सर पढ़ते और सुनते हैं कि हमें स्वस्थ्य रहने के लिए प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करना चाहिए। यह बिना जाने समझे कि प्रतिदिन कितनी मात्रा में और कौनसा प्रोटीन हमारे स्वस्थ्य के लिए जरुरी है हम ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन युक्त आहार लेने की कोशिश करते हैं। आवश्यकता से अधिक और ज्यादा कैलोरी युक्त प्रोटीन का सेवन कई प्रकार की स्वास्थय समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। इस लेख में हम विशेष रूप से जानने की कोशिश करेंगे कि क्या हैं प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत? और कैसे हम स्वास्थ्यवर्धक प्रोटीन युक्त आहार का सेवन कर एक स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं

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प्रोटीन क्या होता है?

रासायनिक रूप से प्रोटीन अमीनो एसिड जिन्हें बिल्डिंग ब्लॉक्स भी कहते हैं से बने होते हैं। यह विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में भिन्न-भिन्न प्रकार के एमिनो एसिड अलग-अलग मात्रा में पाए जाते हैं।

हमारे शरीर की कोशिकाएं, उत्तक और अंग प्रोटीन से ही बने होते हैं। हमारे शरीर का लगभग 15% वज़न प्रोटीन का ही होता है।

प्रोटीन क्यों आवश्यक है ?

प्रोटीन हमारे शरीर की कोशिकाओं, विभिन्न उत्तकों और मांसपेशियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अमीनो एसिड हमारे पूरे जीवन काल में कोशिका वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक होते हैं। प्रोटीन न केवल हमारे महत्वपूर्ण अंगों, बल्कि हमारी त्वचा, बालों और हमारे शरीर के कई अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की मूल संरचना के लिए अति आवश्यक तत्व हैं। एंजाइम, हार्मोन और शरीर के अन्य रसायनों को बनाने के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

यदि हम आवश्यक मात्रा से कम मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो शरीर में कमजोरी हो सकती हैं। जो व्यक्ति किसी बीमारी से उबर रहे हैं उन्हें एक उच्च प्रोटीन आहार का सेवन तेजी से स्वस्थ्य होने में मदद करता है।

कितने प्रोटीन की आवश्यकता होती है ?

सबसे महत्वपूर्ण यह है कि प्रतिदिन बहुत ज्यादा मात्रा में प्रोटीन का सेवन बहुत सी बिमारियों को जन्म देता है। वैज्ञानिको के अनुसार सामान्य परिस्तिथि में 0.8 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के लिए पर्याप्त होता है। अगर आपका वज़न 50 किलो है तो आपको प्रतिदिन 0.8 x 50 = 4 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होगी।

एथलीट और मांसपेशियों को सुदृढ़ बनाने के लिए व्यायाम करने वालों के लिए 2.5-3.5 ग्राम प्रति किलोग्राम शरीर के वज़न के लिए आवश्यकता होती है। यह एक मिथक है कि सिर्फ प्रोटीन खाने से शरीर की मांसपेशियां सुदृढ़ होती है, सच्चाई यह है कि सुदृढ़ मांसपेशियों के लिए व्यायाम करना जरुरी होता है।

क्या हैं प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत?

वैसे तो प्रोटीन का मतलब पशुओं से प्राप्त आहार जैसे मांस, अंडा, या दूध से ही से निकला जाता है लेकिन यह बिलकुल सच नहीं है। शाकाहार/वीगन में भी हमारी आवश्यकता के लिए पर्याप्त गुणवत्ता युक्त प्रोटीन पाया जाता है।

इस लेख में शाकाहारी का मतलब ऐसा आहार है जो सिर्फ पेड-पौधों से प्राप्त होता है इसमें दूध और उससे बने पदार्थ शामिल नहीं है क्योंकि दूध किसी भी तरह से शाकाहार की श्रेणी में नहीं आता है।

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शाकाहारी प्रोटीन उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन माना जाता है। माँसाहारी प्रोटीन का स्रोत भी शाकाहार ही होता है क्योंकि जिस जानवर के मांस, अंडे या दूध से प्रोटीन मिलता है उसके लिए भी प्रोटीन का स्रोत शाकाहार ही होता है।

प्रोटीन युक्त फल

विभिन्न प्रकार के ताजे फल और सब्जियां प्रोटीन के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। स्थानीय रूप से उगने वाले फल एवं सब्जियों में न केवल आवश्यक मात्रा में प्रोटीन और अन्य जरुरी तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी होता है।

अमरुद

वैसे फल और सब्जियां फाइबर से भरपूर होती है इसी तरह अमरुद में न केवल फाइबर बल्कि अन्य अन्य जरुरी तत्वों जैसे विटामिन सी, मैग्नीशियम, विटामिन ए, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन के साथ प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं। 100 ग्राम लगभग 2.5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

खरबूज

गर्मियों में मन और आत्मा को तृप्त कर देने वाला फल खरबूज न केवल हमें गर्मियों से राहत दिलाता है अपितु प्रति 100 ग्राम में लगभग 0.7 ग्राम भी उपलब्ध करवाता है। इसके अतिरिक्त इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने वाले विटामिन ए और सी भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

खुबानी (Apricot)

फाइबर की अधिक मात्रा और कम कैलोरी के कारण खुबानी वज़न घटने में सहायक है। इसे ताज़ा और सूखा दोनों तरह से खाया जाता है। पाचन तंत्र के लिए उपयोगी होने के साथ-साथ इसमें उपस्थित बीटा केरोटीन अच्छी दृष्टि और स्वस्थ्य त्वचा के लिए भी लाभदायक है। 100 ग्राम खुबानी में लगभग डेढ़ ग्राम प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है।

नारंगी

इसमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा के साथ प्रति 100 ग्राम में लगभग 1 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है जो प्रतिदिन की आवश्यकता का लगभग 2% होता है।

केला

उच्च पोटेशियम, फाइबर और कार्बोहायड्रेट के साथ प्रति 100 ग्राम केले में 1 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है। इसके साथ मौसम में केले के नियमित सेवन से उच्च-रक्तचाप, डायबिटीज़ , कैंसर, अस्थमा आदि रोगों से बचने में मदद मिलती है।

आलूबुखारा

इसे सूखा और ताज़ा दोनों तरह से खाया जाता है। इसके 100 ग्राम में लगभग 2.2 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए भी पाया जाता है जो हृदय रोगों के लिए अच्छा माना जाता है।

आम

भारत में इसे फलों का राजा भी कहा जाता है। पूरी दुनिया में भारत में आम की पैदावार सबसे अधिक होती है और सबसे ज्यादा किस्मों के आम बी भारत में ही पैदा होते हैं। अलग-अलग किस्मों के आम में प्रोटीन की मात्रा भिन्न-भिन्न हो सकती है लेकिन सामन्यात: 100 ग्रामआम में लगभग 1 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन ए और सी भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है।

यहाँ कुछ ही प्रकार के फलों के बारे में हमने बात की लेकिन प्रोटीन हर तरह के फलों में प्रोटीन की कुछ मात्रा अवश्य पायी जाती है अत: हमेशा मौसमी फलों का भरपूर सेवन करना चाहिए ताकि उच्च गुणवत्ता का सुपाच्य प्रोटीन हमेशा मिलता रहे।

प्रोटीन युक्त सब्जियां

हरे मटर

सर्दियों के मौसम में आने वाले हरे मटर प्रोटीन से भरपूर होते हैं। 1 कप उबले हुए मटर में लगभग 8 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसके अतिरिक्त यह विटामिन ए, के और सी से भी समृद्ध होते हैं और इसमें कई खनिज और उच्च मात्रा में फाइबर भी पाए जाते हैं।

फलियां

फलियों में बीन्स की किस्में जैसे किडनी बीन्स, ब्लैक बीन्स, छोले और इसी तरह की अन्य चीजें शामिल हैं जिन्हें व्यापक रूप से प्रोटीन का एक पावरहाउस माना जाता है। चने के 1 सर्विंग में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन होता है और इसमें कई अन्य तत्व और खनिज भी होते हैं जो आपको स्वस्थ, मजबूत और फिट रख सकते हैं। ​​अध्ययन में यह भी पाया गया कि फलियों के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम रखने में मदद मिल सकती है।

पालक

इसमें न सिर्फ आयरन की उच्च मात्रा पायी जाती है बल्कि यह एक ऐसी हरी सब्जी है, जो कई मायनों में शरीर के लिए लाभकारी मानी है। इसमें प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। 100 ग्राम पालक में लगभग 3 ग्राम तक प्रोटीन होता है। इसलिए अगर आपको प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए मौसम में पालक को अपने आहार का हिस्सा अवश्य बनाना चाहिए।

ब्रोकली

यह एक बेहद पौष्टिक और स्वादिष्ट सब्जी होती है। फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत होने के साथ−साथ इसमें कैल्शियम, कार्बोहायड्रेट, आयरन, विटामिन ए व सी भी पाया जाता है। इतना ही नहीं, आप इसके नियमित सेवन से अपने शरीर में प्रोटीन की कमी को भी दूर कर सकते हैं।

शतावर (अस्पेरगस)

एक बेहतरीन सब्जी होने के बावजूद हमारे देश में यह इतनी लोकप्रिय नहीं है। इसमें विटामिन बी, फोलेट, कॉपर, मैगनीज, फास्फोरस, मैग्नीशियम, विटामिन के, विटामिन ए के साथ-साथ 100 ग्राम में लगभग 2 ग्राम प्रोटीन भी पाया जाता है।  

इनके अतिरिक्त स्थानीय रूप से मिलने वाली बहुत सी सब्जियां प्रोटीन की अच्छी स्रोत होती है जिन्हें मौसम के अनुसार सेवन कर आप अपने शरीर में प्रोटीन की कमी तो दूर कर सकते हैं।

प्रोटीन युक्त दालें

शाकाहारियों के लिए दालों को प्रोटीन का उत्तम स्रोत माना जाता है। अलग-अलग दालों में भिन्न-भिन्न प्रकार के एमिनो एसिड पाए जाते हैं जो शरीर में संतुलित रूप से प्रोटीन के निर्माण में सहायक होते हैं। यह अक्सर देखा गया है कि एक ही प्रकार की दाल लम्बे समय तक खाने से कुपोषण की समस्या हो जाती है अत: अपने आहार में भिन्न-भिन्न प्रकार की दालों को बदल-बदल कर सेवन करना चाहिए।

उड़द दाल

इसे इसके काले छिलके के कारण काली दाल भी कहा जाता है। बिना छिलके के यह सफ़ेद होती है। यह माश की दाल के नाम से भी जानी जाती है। एक कप दाल में लगभग 25 ग्राम प्रोटीन के साथ इसमें ज़िंक और फोलेट भी पाए जाते हैं।

मूंग दाल

इसे हरी दाल के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इसका छिलका हरा होता है। इसे छिलके सहित और छिलका हटी हुई दोनों तरह से खाया जाता है। इसमें भी आयरन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों के साथ 1 कप में लगभग 18 ग्राम तक प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है।

चना दाल/छोले

चना दाल जो बेसन बनाने के लिए सर्वाधिक प्रयोग की जाती है, के 100 ग्राम में लगभग 20 ग्राम प्रोटीन, वसा 2 ग्राम, कार्बोहायड्रेट 55 ग्राम के अतिरिक्त अन्य पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

राजमा

अंग्रेजी में इसे red kidney beans भी कहते हैं उत्तर भारत में बहुत पसंद किया जाता है। राजमा चावल एक बहुत ही प्रसिद्द खाना है। 100 ग्राम राजमा में लगभग 8-9 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें अन्य विटामिन और जरुरी मिनरल्स भी पर्याप्त मात्रा में होते हैं।

तुअर दाल

अंग्रेजी में इसे pigeon pea भी कहते हैं। यह दाल उत्तर से लेकर दक्षिण भारत में बहुत चाव से खायी जाती है। उत्तर भारत में जहाँ इसे चावल और चपाती के साथ खाया जाता है वही दक्षिण भारत में इससे सांबर बनाया जाता है। इस दाल में उच्च स्तर के प्रोटीन और एमिनो एसिड पाए जाते हैं। प्रति 100 ग्राम में लगभग 20 ग्राम तक प्रोटीन पाया जाता हैं।

सोयाबीन

प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत में सोया में प्रोटीन की अच्छी मात्रा के कारण इसे शाकाहारी मांस भी कहा जाता है। इससे कई तरह के ऐसे उत्पाद भी बनाये जाते हैं जिनका स्वाद और उसमे प्रोटीन की मात्रा समतुल्य पशु उत्पादों से भी अधिक होती है और प्रोटीन वनस्पति जन्य होने के कारण सुपाच्य भी होता है।

इससे बनाये जाने वाले मुख्य उत्पाद जैसे सोया दूध, पनीर, दही, चाप इत्यादि बहुत ही चाव से खाये जाते हैं। विशेष रूप से वीगन जीवन शैली जीने वालों में सोया उत्पाद बहुत उपयोग में लाये जाते हैं।

प्रति 100 ग्राम सोया में 36 ग्राम तक प्रोटीन पाया जाता है वही इससे बनने वाले उत्पाद सोया पनीर में प्रति 100 ग्राम लगभग 8 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त इसमें कैल्शियम, सेलेनियम, मैंगनीज, लोहा और मैग्नीशियम भी प्रचुर मात्रा में होता है। प्रोटीन के कई पशु स्रोतों के विपरीत, टोफू में संतृप्त वसा कम होती है और हृदय को स्वस्थ्य रखने वाले असंतृप्त वसा का एक अच्छा स्रोत है।

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प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत विभिन्न अनाज

ज्वार

इसे देशी भाषा में मोटा अनाज भी कहते हैं और स्वास्थय की दृष्टि से अत्यंत हितकारी होता है। इससे मक्की के पॉपकॉर्न की जगह फुलाया भी जा सकता है। आयुर्वेद में भी विभिन्न रोगों जैसे अपच, खांसी, बवासीर इत्यादि में इसे लाभकारी बताया गया है। इसमें खनिज, फाइबर, पोटैशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे कई पोषक तत्वों के साथ प्रति 100 ग्राम में लगभग 12 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है ।

बाजरा

यह भी एक प्रकार का मोटा अनाज है जिसे भारत में प्राचीन समय से खाया जाता है। इसे मुख्यत: हरियाणा , राजस्थान और गुजरात में सर्दियों के मौसम में खाया जाता है। बाजरे सर्दियों में विशेषतौर से बनायीं जाती है। भरपूर ऊर्जा खनिज, विटामिन के साथ इसमें प्रति 100 ग्राम लगभग 12 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

ओट्स

इसे हिन्दी में जई भी कहते हैं लेकिन यह भारत में उतना नहीं खाया जाता जितना अन्य देशों में खाया जाता है। इसका कारण है कि यह भारत में पैदा नहीं होता है। लेकिन आजकल जागरूकता बढ़ने के साथ इसका प्रचलन भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। फाइबर से भरपूर ओट्स वज़न घटने के लिए एक अच्छा विकल्प बन कर उभरा है। इसमें प्रति 100 ग्राम लगभग 17 ग्राम तक प्रोटीन पाया जाता है।

गेहूं

भारत में सर्वाधिक खाया जाने वाला यह अनाज खनिज, विटामिन से भरपूर होने के साथ-साथ प्रति 100 ग्राम लगभग 12 ग्राम प्रोटीन की मात्रा उपलब्ध करवाता है। गेहूं का आटा हमेशा चौकोर युक्त ही खाना चाहिए। मैदे से बनी चीज़े स्वादिष्ट तो होती है लेकिन पोषक तत्व उसमें नहीं के बराबर होते हैं।

कीनुआ (Quinoa)

यह भारत में पैदा होने वाला अनाज नहीं है लेकिन इसके पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण इसका प्रचलन भारत में भी बढ़ता जा रहा है। कीनुआ आईरन, मैग्नीशियम, विटामिन ई, पोटेशियम और फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत है।  इस प्रोटीन से भरपूर अनाज में हर एमिनो-एसिड (amino acid) होता है, और विशेष रूप से लाइसिन, जो पूरे शरीर में स्वस्थ ऊतकों के विकास में सहायक होता है। इसमें 100 ग्राम में लगभग 5 ग्राम तक प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है।

मक्का

मक्का भारत में प्राचीन समय से खाया जाने वाला अनाज है। इसे मुख्या रूप से उत्तर पश्चिम भारत में ज्यादा खाया जाता है। सर्दियों में मक्का के विशेष व्यंजन बनाने का प्रचलन है। ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत होने के साथ इसके 100 ग्राम में लगभग 5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत विभिन्न सूखे मेवे और फल

बादाम

इस लोकप्रिय सूखे मेवे को विटामिन इ के उच्च स्तर के लिए जाना जाता है। विटामिन इ हमारी त्वचा से लेकर एक स्वस्थ्य गर्भावस्था, कैंसर और अल्जाइमर से रोकथाम में भी बहुत उपयोगी माना गया है। प्रति 100 ग्राम बादाम में लगभग 20 ग्राम तक प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है।

अखरोट

कहा जाता है कि दिमाग जैसा आकर होने के कारण अखरोट दिमाग और बुद्धिबल के लिए बहुत फायदेमंद होते है। न केवल इसमें खनिज, विटामिन और मिनरल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है बल्कि यह शाकाहारियों के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड्स का एक प्रमुख स्रोत भी है। इसमें प्रति 100 ग्राम लगभग 4 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है

काजू

ऊर्जा और खनिज तत्वों से भरपूर काजू एक बहुत ही लोकप्रिय मेवा है जिसे न केवल बड़े चाव से खाया जाता है बल्कि इससे कई तरह की मिठाईयां भी बनायीं जाती है। इसमें हड्डियों के स्वस्थ्य के लिए जरुरी कैल्शियम और पोटेशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है साथ ही एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरुरी मैग्नीशियम का उच्च स्तर भी इसमें पाया जाता है। प्रति 100 ग्राम में लगभग 5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

किशमिश

खाने में स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर किशमिश कई तरह के रोगों के उपचार में भी सहायक है। अत्यधिक एसिडिटी, कब्ज़ और खून की कमी में नियमित रूप से किशमिश खाने से लाभ होता है। प्रति 100 ग्राम किशमिश में लगभग 3 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है

अंजीर

अंजीर प्राकृतिक शर्करा, खनिज और घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। इनमें पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा और तांबे सहित कई खनिजों की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। यह एंटीऑक्सिडेंट विटामिन ए और के का भीअच्छा स्रोत हैं जो अच्छे स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 3.5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

पिस्ता

इसमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। अन्य प्रोटीन युक्त नट्स की तुलना में इसमें काम कैलोरी होती है और प्रोटीन की मात्रा प्रति 100 ग्राम में लगभग 6 ग्राम तक पायी जाती है। पिस्ता पोषक तत्वों से भरपूर स्नैक के रूप में वजन-घटाने में भी मदद करता है।

मूंगफली

मूंगफली जिसे गरीबों का मेवा भी कहा जाता है प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भरपूर होता है। सर्दी के मौसम में गुड़ के साथ बने इसके व्यंजन बहुत लोकप्रिय होते हैं। मूंगफली कई प्रकार से हमारे स्वस्थ्य के लिए लाभदायक है इनमें से कुछ लाभों में हृदय रोग का कम जोखिम, विभिन्न कैंसर और वजन घटाने सहायता शामिल हैं। इसके प्रति 100 ग्राम में लगभग 30 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है।

प्रोटीन के शाकाहारी स्रोत : सारांश

यहाँ हमने लगभग 30 तरह के शाकाहारी खाद्य पदार्थों के बारे में बताया जो की प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। लेकिन लगभग हर तरह के शाकाहारी खाद्य पदार्थ में कुछ मात्रा में प्रोटीन की मात्रा अवश्य पायी जाती है। यह सिर्फ एक मिथ्या ही है कि प्रोटीन की जरूरत के लिए माँसाहारी और डेयरी उत्पादों का सेवन करना आवश्यक होता है।

शाकाहारी प्रोटीन की विशेषता यह होती है कि यह माँसाहारी प्रोटीन की तुलना में सुपाच्य होते हैं और कोई बुरा प्रभाव भी नहीं छोड़ते जैसा कि माँसाहारी और डेयरी उत्पादों में पाए जाने वाले प्रोटीन से कैंसर का खतरा बना रहता है।

अपने मित्रों और परिजनों को दीजिये एक प्रोटीन से भरपूर गिफ्ट!

हम शुभ अवसर पर अपने प्रियजनों को मिठाई उपहार के रूप में देते हैं लेकिन हमारे देश में अधिकतर मिठाईयां डेयरी उत्पादों से बनी होती है जो न केवल स्वास्थय के लिए हानिकारक होती है बल्कि उसमें डेयरी की क्रूरता भी समाहित होती है।

लेकिन अब समय बदल रहा है और जागरूकता भी बढ़ रही है अत: अपने परिजनों और मित्रजनों को आप इस त्यौहार के मौसम में एक प्रोटीन से भरपूर एक स्वास्थ्यवर्धक उपहार भी दे सकते हैं।

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